Tuesday, June 26, 2012

Rajiv dixit exposed Lifebouy Is the dirtyest Soap of the world. This foreign Company selling Poison.

lifebouy ना bath Soap hai. और ना ही toilet soap.

यह जानवरो के नाहाने वाला carbolic soap hai. और ये बात COMPANY खुद मानती है.

यूरोप मे lifebouy से कुते नहाते है. गधे नहाते हैं लेकिन भारत में 7 करोड लोग रोज़ lifebouy se नहाते है..

ये साबुन आपकी त्वचा का natural OIL पी लेता है.

और त्वचा को Egsema,Psoriasis जैसे रोग हो सकता हैं

ये है videshi COMPANYio के माल के Quality ! ज़हर बेचो भारत को.!

http://www.youtube.com/watch?v=s8hKumukUC0&feature=player_detailpage

Monday, June 25, 2012

ये लड़ाकू हसीनाएं निकाल सकती हैं दुश्मन का पसीना

ये लड़ाकू हसीनाएं निकाल सकती हैं दुश्मन का पसीना


इस्लामाबाद।फौजी तानाशाही और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर बदनाम पाकिस्तान आज भी अपनी फ़ौज के दम पर दुनिया भर में इठलाता फिरता है। हमने पाकिस्तान की थल सेना के किस्से तो कई बार सुने ही हैं, लेकिन आज हम आपको इस देश की वायुसेना का वह चेहरा दिखाने वाले हैं, जिसे आपने पहले शायद ही कभी देखा हो।
 
जी हां, हम आपको पाकिस्तानी वायुसेना की ऐसी लड़ाकू पायलट्स के बारे में बता रहे हैं जो बेहद खूबसूरत हैं। ये जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही फुर्तीली भी। पाकिस्तान के लोगों को इन महिला पायलट्स पर नाज़ है। विभिन्न इंटरनेट साइट्स पर पोस्ट इन महिला पायलट्स की तस्वीरों के नीचे पाकिस्तानी आवाम के कमेंट्स पढ़े जा सकते हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स की पहली महिला पायलट हिना ताहिर थीं।


शक्ल पर मत जाइए,ये लड़ाकू हसीनाएं निकाल सकती हैं दुश्मन का पसीना

शक्ल पर मत जाइए,ये लड़ाकू हसीनाएं निकाल सकती हैं दुश्मन का पसीना

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शक्ल पर मत जाइए,ये लड़ाकू हसीनाएं निकाल सकती हैं दुश्मन का पसीना

Sunday, June 24, 2012

भारतीय राष्ट्रपति की 4 साल की सैलरी के बराबर है इस स्कूल की फीस

भारतीय राष्ट्रपति की 4 साल की सैलरी के बराबर है इस स्कूल की फीस


दुनिया में सबसे ज्यादा महंगे स्कूल स्विट्जरलैंड में है। सच तो यह है कि दुनिया के 10 सबसे महंगे स्कूलों में शामिल सारे स्कूल इसी देश में है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे महंगा स्कूल कौन सा है? कहां है और उसकी फीस कितनी है? नहीं पता तो चलिए हम आपको बता देते हैं। दरअसल दुनिया का सबसे महंगा स्कूल लॉ रोसी है। भारतीय राष्ट्रपति की सालाना सैलरी (करीब 18 लाख) को मिला देने पर भी इस स्कूल की प्रति छात्र सालाना फीस के आधे (35.50 लाख रुपये) के बराबर भी नहीं पहुंचती है। पेश है दुनिया के सबसे महंगे स्कूल लॉ रोसी पर एक फोटो फीचर-

खेल का ध्यान रखते हुए यहां 18 होल गोल्फ कोर्स विथ ड्राइविंग रेंज, 3 फुटबाल मैदान, 1 रगबी मैदान, 2 बास्केटबॉल कोर्ट, 1 बेसबाल मैदान, 1 ओपेन एयर सिनेमा हॉल और 1 सर्कस टेंट भी बनाया गया है।

सबसे ज्यादा फीस लेने वाले इस स्कूल का नाम लॉ रोसी है। स्विट्जरलैंड के इस स्कूल की पढ़ाई का खर्च हावर्ड बिजनेस स्कूल की फीस से भी ज्यादा है। यहां औसतन 60 लाख रुपये सालाना और करीब 5 लाख रुपये हर महीना फीस ली जाती है। वहीं इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए भी करीब करीब 11 लाख रुपये चुकाना होता है। यानि कुल मिलाकर 71 लाख रुपये सालाना फीस।

दुनिया के सबसे महंगे इस स्कूल की कई खासियत है। यहां 53 क्लासरूम, 179 अटैच बाथरूम के साथ बेडरूम, 8 साइंस लाइब्रेरी और 48 अपार्टमेंट हैं। वहीं म्यूजिक, आर्ट, आईटी, स्टडी हॉल, कांफ्रेंस रूम के रूप में कुल 14 खास तौर से तैयार किये गए कमरे भी हैं।

खेल का ध्यान रखते हुए यहां 18 होल गोल्फ कोर्स विथ ड्राइविंग रेंज, 3 फुटबाल मैदान, 1 रगबी मैदान, 2 बास्केटबॉल कोर्ट, 1 बेसबाल मैदान, 1 ओपेन एयर सिनेमा हॉल और 1 सर्कस टेंट भी बनाया गया है।

1880 में बने इस स्कूल को दुनिया में स्कूलों का राजा भी कहा जाता है। इस स्कूल को बनाने की कुल लागत करीब 240 करोड़ रुपये है। वहीं ये कुल 28 हेक्टेयर एरिया में बने इस स्कूल में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। यह स्कूल मूल रूप से बोर्डिग स्कूल है।

इसके अलावा यहां 13 गेम रूम, 2 जिम, 2 फिटनेस रूम, 1 डांस स्टूडियो और 1 मैरिटल आर्टस रूम हैं। सुविधाओं के मामले में यहां 30 घोडों के साथ सेंटर हाउसिंग, 1 इंडोर राइडिंग स्कूल, 1 क्लब हाउस, 38 फुट जहाज और 3 मोटर बोट हैं।

मंगलवार से शनि बदलेगा चाल, जानिए अभी आपकी राशि पर असर

मंगलवार से शनि बदलेगा चाल, जानिए अभी आपकी राशि पर असर




मंगलवार, 26 जून 2012 का दिन बेहद खास है, इस दिन से शनि अपनी चाल बदल रहा है। अभी शनि वक्री है और 26 जून के बाद ये मार्गी हो जाएगा। शनि वर्तमान में कन्या राशि में स्थित है। मार्गी होने के बाद 1 अगस्त को तुला राशि में प्रवेश करेगा।

ज्योतिष के अनुसार शनि क्रूर ग्रह माना गया है और ये हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का फल प्रदान करता है। जिस व्यक्ति के जैसे कर्म होते हैं शनि ठीक वैसे ही फल प्रदान करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में होते हैं वे लोग भाग्यशाली समझे जाते हैं। शनि के शुभ होने पर व्यक्ति को कई उपलब्धियां प्राप्त होती है और जीवन सुखी बना रहता है। वहीं अशुभ शनि होने पर कठिन परिश्रम करना पड़ता है और जीवन में कई प्रकार के दुख रहते हैं।

शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए हर शनिवार तेल का दान करना चाहिए। शनिदेव के दर्शन करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।


मेष- इस राशि का छठा शनि इस राशि के स्वामी का शत्रु है। अत: आपको हर कार्य के लिए अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ेगा क्योंकि शनि कार्यों में बाधाएं उत्पन्न करेगा। प्रयत्नों में विफलताएं विचलित कर सकती हैं। अत: संयम एवं धैर्य के साथ कार्य करें। इस समय निवेश से बचें। हनुमानजी को चमेली के पुष्प अर्पित करें।

वृषभ- आपकी राशि अब पांचवे स्थान पर है अत: शनि आपकी राशि के स्वामी शुक्र का मित्र है। आपके लिए विशेष लाभ की स्थितियों का निर्माण होगा। खोए हुए सम्मान की प्राप्ति होगी तथा पुराने रोगों से छुटकारा मिलेगा। आप परिवार के साथ प्रसन्नता पूर्वक समय व्यतीत करेंगे। कार्य स्थल पर उपयोगिता बढ़ेगी एवं शुभ प्रसंगों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। शिव को जलार्पण करें।

मिथुन-चतुर्थ शनि आपकी राशि के स्वामी के साथ सम व्यवहार करता है। अत: सफलता तो मिलेगी किंतु परिश्रम अधिक होगा। कार्य में अड़चनें उत्पन्न करने का प्रयास शत्रुओं द्वारा किया जाएगा। सभी परेशानियों से मुक्ति भी मिल जाएगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है। बेरोजगारों को रोजगार की प्राप्ति होगी। गणेशजी को दूर्वा अर्पण करें।

कर्क- शनि आपकी राशि के स्वामी चंद्र से शत्रुता का भाव रखता है। अत: कर्क राशि से शनि तृतीय होगा तथा शत्रु होने के बावजूद कई परेशानियों पर रोक लगाएगा। कोई ऐसा कार्य शुरु हो सकता है जिसकी आपको कई दिनों से प्रतिक्षा थी। व्यापार में उन्नति होगी एवं विरोधियों का पराभाव होगा। कोई निर्माण कार्य शुरु हो सकता है। हनुमानजी को दीपक लगाएं।

सिंह- इस राशि के लिए शनि द्वितीय रहेगा। आपकी राशि के स्वामी सूर्य से शनि शत्रु भाव रखता है। शनि की यह स्थिति आपको अप्रत्याशित सफलताएं दिलवाएगा। अटके कार्य पूर्ण होंगे। विरोधियों की हार निश्चित है। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी तथा धार्मिक कार्य में रूचि होगी। साथियों का सहयोग प्राप्त होगा। हनुमानजी की अराधना करें।

कन्या- आपकी राशि के स्वामी बुध से शनि समभाव रखता है। आपकी राशि में शनि कुछ परेशानियां निर्मित करेगा। वैवाहिक जीवन एवं कार्यस्थल पर तनाव उत्पन्न हो सकता है। आर्थिक तंगी का अनुभव होगा एवं व्यापार में अत्यधिक धन व्यय होने की संभावनाएं हैं। गरीबों को अन्न का दान करें।

तुला-आपकी राशि से शनि द्वादश रहेगा। शनि आपकी राशि के स्वामी शुक्र का मित्र है। फिर भी आपके लिए सावधान रहना उचित होगा। मामूली परेशानियों से सामना होगा। कार्य स्थल पर तनाव हो सकता है। निवेश से बचें एवं अनजानों पर भरोसा नहीं करें। संतान से असहयोग बना रहेगा। पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें।

वृश्चिक- आपकी राशि के लिए एकादश शनि आपकी राशि स्वामी का प्रबल शत्रु है किंतु आपको इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह समय आपके लिए राहत भरा रहेगा। मनोरंजन एवं यात्राओं में जाने का मौका मिलेगा। कानूनी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी तथा शुभ समाचार प्राप्त होंगे। हनुमानजी को इत्र समर्पित करें।

धनु- इस राशि के लिए शनि दशम रहेगा। आपकी राशि स्वामी गुरु से शनि समभाव रखता है तथा आपको लाभ पहुंचाने वाला बना हुआ है। कोई रूका कार्य बनने की सम्भावना है। विवाह योग्य लोगों को विवाह प्रस्ताव मिलेंगे। जीवन साथी से सहयोग मिलेगा। कार्य की अधिकता रहेगी। व्यापार में नए समीकरण लाभदायक होंगे। राम नाम का जाप करें।

मकर- मकर राशि से शनि नवम भाव रहेगा। आपकी राशि का स्वामी स्वयं शनि ही है तथा आपके लिए लाभदायक स्थितियां निर्माण कर रहा है। समाज में मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा आर्थिक लाभ उत्तम होने की संभावनाएं हैं। विदेश यात्रा पर जाने वालों को आ रही अड़चने समाप्त होगी। हनुमानजी को लाल वस्त्र अर्पण करें।

कुंभ- इनके लिए अष्टम शनि रहेगा। आपकी राशि का स्वामी शनि है। आपके जीवन साथी को कुछ स्वास्थ्य संबंधी कष्ट दे सकता है। सब कुछ ठीक होने के बावजूद अज्ञात भय बना रहेगा। मानसिक तनाव महसूस करेंगे। योजना को अज्ञात कारणों से बदलना पड़ सकता है। शिव का पूजन शांति प्रदान करेगा। शिवलिंग पर आंकड़े के पुष्प अर्पित करें।

मीन- मीन राशि वाले के लिए सप्तम शनि रहेगा। आपकी राशि के स्वामी गुरु से शनि सम भाव रखता हैं। पिछले छ: महीनों से जो परेशानियां बनी हुई हैं वे समाप्त हो जाएंगी। विपरित लिंग की ओर आकर्षण में वृद्धि होगी। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। प्रमोशन मिलने के पूर्ण योग बने हुए हैं। हनुमानजी को सुगंधित धूप अर्पित करें।

प्रकृति के 5 अद्भुत चमत्कार, जिन्हें देखना चाहेंगे आप! (भारत के)

प्रकृति के 5 अद्भुत चमत्कार, जिन्हें देखना चाहेंगे आप! (भारत के)


पूरी दुनिया में प्राकृतिक नजारों को देख कर बरबस ऐसा लगता है कि इस धरती से परे कोई शक्ति हमें संचालित करती है। हमारा ख्याल रखती है। दुनिया के कोने-कोने में हमें यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। पेड़-पौधे, पत्तियां, नदीं, झील, झरने और पहाड़ सबकुछ प्रकृति का दिया अनमोल तोहफा है।

भारत के सभी राज्यों में प्रकृति की छटा देखने को मिलती है। हम आपके लिए इन्हीं प्राकृतिक स्थानों और दृश्यों में से चुन कर पर पांच ऐसे चमत्कार लाएं हैं, जिन्हें देख वाकई में आपका मन झूम उठेगा।

तस्वीरों में देखिए यह नजारा...

1- मनीकरन, हिमाचल
2- बोर्रा गुफा, आंध्र प्रदेश
3- मैगनेटिक हिल, लद्दाख
4- अमरनाथ मंदिर, जम्मू-कश्मीर
5- लिविंग रूट ब्रिज, चेरापूंजी



मनीकरन : कुल्लू से 45 कि.मी. मनीकरन अपने गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है।यहां का पानी इतना गर्म होता है कि उसमें दाल, चावल, सब्जी आदि तक पकाए जा सकते हैं। यह स्थान हिंदुओं और सिक्खों के तीर्थस्थलों केरूप में भी प्रसिद्ध है। भगवान राम और शिव मंदिरों के अलावा यहां एक गुरुद्वारा भी है। मंदिरों और गुरुद्वारे में ठहरने की पर्याप्त जगह है।

बोर्रा गुफा: बोर्रा गुफाएं भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में विशाखापट्नम के समीप पूर्वी घाट के अनंतगिरि पहाड़ियों में स्थित है। ये मध्यम समुद्री तल से लगभग 800 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर हैं। लाखों साल पहले के आरोही और अवरोही निक्षेप के लिए प्रसिद्ध हैं। वर्ष 1807 में ब्रिटिश भूविज्ञानी विलियम किंग जॉर्ज द्वारा इनकी खोज की गई। गुफा का नाम गुफा के अंदर के एक गठन से पड़ा है, जो देखने में मानव मस्तिष्क जैसा लगता है, जिसे स्थानीय भाषा तेलुगू में बुर्रा कहा जाता है।

मैगनेटिक हिल: लेह-लद्दाख के निकट स्थित मैगनेटिक हिल किसी चमत्कार से कम नहीं है। यहां की पहाड़ियों में मैगनेटिक क्षमता इतनी है कि कार को उपर खींच लेती है। उड़ते हुए जहाज को नीचे खींच लेती है।

अमरनाथ मंदिर: भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर राज्य में हिमालय की गुफ़ा में स्थित भगवान भोले शंकर के अमरनाथ मंदिर तक भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु सदियों से पहुंचते रहे हैं। अमरनाथ मंदिर जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं का ख़्याल रखने के लिए राज्य विधानसभा ने वर्ष 2000 में एक क़ानून बनाकर अमरनाथ मंदिर बोर्ड का गठन किया था। यह गुफा किसी चमत्कार से कम नहीं है, इसलिए यहां बहुत श्रद्धा के साथ लोग कठिन परिस्थितियों का सामना करके जाते हैं।

लिविंग रूट ब्रिज: चेरापूंजी में स्थित लिविंग रूट ब्रिज प्रकृति का अद्भुत चमत्कार है। पेड़ों की की उलझी जड़ों से निर्मित पुल लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिलता है।

आंखें खोल देगी बाल वेश्यावृत्ति की यह कड़वी सच्चाई!

आंखें खोल देगी बाल वेश्यावृत्ति की यह कड़वी सच्चाई!


हरियाणा के 'अपना घर' कांड से पूरा देश थर्रा गया है। यहां लड़कियों की सुरक्षा के नाम पर जो घिनौना खेल खेला जा रहा था, उससे लोग सन्न हैं। बताया जा रहा है कि यहां की लड़कियों की पॉर्न फिल्में बनाई जाती थीं। इसके लिए उन्हें पिकनिक के बहाने चंडीगढ़ ले जाकर होटलों में ठहराया जाता था। होटलों के स्वीमिंग पूल में न्यूड होकर नहाने को मजबूर किया जाता था। उनके साथ अश्लील हरकतें करते हुए वीडियो फिल्में बनाई गईं। जबरन उनके कपड़े उतरवाए गए।

भारत में बाल वेश्याओं की निश्चित संख्या कितनी है, इसका कोई आकलन नहीं है। लेकिन यूनिसेफ का मानना है कि इनकी संख्या 70 हजार से एक लाख तक हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के ठोस प्रमाण हैं कि दूसरे दक्षिण एशियाई देशों, खासकर बांग्लादेश और नेपाल से बच्चियों को भारतीय वेश्यालयों में लाने के साथ ही उन्हें पश्चिमी एवं अन्य अमीर देशों में भेजा जाता है।

भारत सरकार द्वारा कुछ साल पहले दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरू के वेश्यालयों में करवाए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें मौजूद एक लाख से भी ज्यादा वेश्याओं में लगभग एक तिहाई 20 वर्ष से कम उम्र की हैं और 40 फीसदी ऐसी हैं जो इस धंधे में 13 से 15 वर्ष की उम्र के बीच लाई गईं थीं।

भारत में नेपाली वेश्याओं की संख्या लगभग एक लाख है। इनमें 20 फीसदी 14 वर्ष से कम उम्र की हैं। मुंबई में 12-13 साल की नेपाली बाल वेश्याएं काफी संख्या में मौजूद हैं। बच्चों का यौन शोषण पूरी दुनिया में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसे बाल श्रम और बंधुआ श्रम का सबसे घिनौना रूप माना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने सेक्स उद्योग में बच्चों के शोषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का मानना है कि जिन देशों में बाल वेश्यावृ्त्ति के अड्डे हैं, उनका प्रचार बाहरी देशों में कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है। यही कारण है कि यहां पश्चिमी देशों के सेक्स मनोविकृत पर्यटक काफी संख्या में आते हैं।

इस संगठन का मानना है कि बाल यौन शोषण इतना ज्यादा बढ़ता चला जा रहा है कि इस पर नियंत्रण रखना सिर्फ उसी देश की जिम्मेवारी नहीं है जहां बच्चों का शोषण हो रहा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेवारी है कि इस पर रोक लगाने के हर संभव प्रयास किए जाएं।

छोटी सी इलायची से करें इन 7 बड़ी प्रॉब्लम्स का आसान इलाज

छोटी सी इलायची से करें इन 7 बड़ी प्रॉब्लम्स का आसान इलाज


इलायची को मसालों की रानी माना जाता है। भारत इस मसाले का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। इलायची का मूल स्थान दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट हैं। भारत में इलायची की खेती मुख्यत: तीन राज्यों केरल, कर्नाटक और तमिलनाडू में केन्द्रित है। इलायची सिर्फ एक मसाला ही नहीं है बल्कि एक बढ़िया औषधि भी है। आइए जानते हैं इलायची के कुछ औषधीय गुण...



छाले- मुँह में छाले हो जाने पर बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पीसी हुई मिश्री मिलाकर जबान पर रखें। तुरंत लाभ होगा।


खांसी- सर्दी-खांसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची, एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएं।


बदहजमी - यदि केले अधिक मात्रा में खा लिए हों तो तत्काल एक इलायची खा लें। केले पच जाएँगे और आपको हल्कापन महसूस होगा।


उल्टियां-बड़ी इलायची पाँच ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक-चौथाई रह जाए तो उतार लें। यह पानी उल्टियां रोकने में कारगर सिद्ध होता है।


सूजन- यदि गले में सूजन आ गई हो तो मूली के पानी में छोटी इलायची पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।


खराश- यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएं तथा गुनगुना पानी पीएं।


जी मिचलाना- बहुतों को यात्रा के दौरान बस में बैठने पर चक्कर आते हैं या जी घबराता है। इससे निजात पाने के लिए एक छोटी इलायची मुँह में रख लें।

Tuesday, June 12, 2012

Treat Your Cancer in Re. 1/- ONLY (not a joke nor a lie)


Treat Your Cancer in Re. 1/- ONLY (not a joke nor a lie)






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The hospital has a capacity of 160 beds(Currently 80 Beds are operational). All the rooms are well laid out, self contained, with an extra cot for patient’s caretaker.
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Four VAIDs reside permanently at the Hospital and serve as Resident VAIDs. Besides, specialists VAIDs from different parts of India also visit the hospital on a regular basis.
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GAUSHALA has about 50 Cows and the number will soon rise to 200. All the Cows provide fresh PANCHGAVYA for the treatment of cancer patients, which is the main ingredient in the treatment.
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The entire complex is self sufficient for its day-to-day requirements.
The treatment costs a token sum of Rupee 1/- (RUPEE ONE ONLY) including of medicine. Meals are also served all. (including Patient’s caretaker) at a token sum of Rupee 1/-
NOTE:
In view of the popularity regarding the efficacies of this treatment and negligible treatment costs, there is always a long waiting list for the admission to the hospital and thus we request you to book your bed well in advance.

LOCATION:
Spread over 18 acres of lush green land, GIRIVIHAR Cancer Hospital is located at VAGHALDHARA Village on National Highway No.8, VALSAD, GUJARAT. It is situated at about 15 Km (a drive of about 30 minutes by Auto Rickshaw) from VALSAD Railway Station.

चाहें मोटी कमाई का काम इस उपाय से दूर करें मंगल दोष


चाहें मोटी कमाई का काम इस उपाय से दूर करें मंगल दोष


ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक भूमिपुत्र मंगल ग्रह का शुभ-अशुभ प्रभाव खासतौर पर विवाह, धन, मनोबल, संतान, प्रतिष्ठा, विद्या या भूमि संबंधी विषयों पर पड़ता है। शिव पूजा का यहां बताया जा रहा उपाय मंगलदोष दूर कर इन सभी कामनाओं के अलावा खासतौर पर धन बाधा दूर कर पद, प्रतिष्ठा देकर अच्छे जीवनसाथी की कामना को पूरा करने वाला माना गया है। 

विशेष तौर पर मंगलवार व अमावस्या के योग में शिव पूजा का यह आसान उपाय भरपूर धन व आजीविका की बाधा को दूर करने वाला होता है -

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मंगलवार को शिव मंदिर में शिवलिंग या उज्जैन के प्रसिद्ध लिंग रूप मंगलनाथ या अंगारेश्वर मंदिर में मंगलदेव की पूजा करें। 

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जिसके लिये जल या दूध से भरे एक तांबे के कलश में शहद, लाल फूल व लाल चंदन मिलाकर शिवलिंग पर शिव पञ्चाक्षरी मंत्र ऊं नम: शिवाय या मंगलनाथ पर मंगल मंत्र अं अंगारकाय नमः मंत्र बोलकर अभिषेक करें। 

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अभिषेक के बाद शिवलिंग या मंगलनाथ पर बिल्वपत्र, अक्षत, वस्त्र, नैवेद्य अर्पित कर पूजा व कर्पूर आरती करें। 

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मंत्र स्मरण, अभिषेक, पूजा, आरती में हुई त्रुटि के लिये क्षमा प्रार्थना कर मनोरथसिद्धि की कामना करें व प्रसाद ग्रहण करें।

Thursday, June 7, 2012

Back Door, A Punjabi Story (ਡਾਕਟਰ ਸਾਥੀ ਲੁਧਿਆਣਵੀ)

Back Door, A Punjabi Story (ਡਾਕਟਰ ਸਾਥੀ ਲੁਧਿਆਣਵੀ)


ਜਦੋਂ ਤੋਂ ਤਿੰਨ ਪੰਜਾਬੀ ਮੁੰਡੇ ਜਿਹੜੇ ਕਿ ਇਸ ਦੇਸ ਵਿਚ ਇੱਲੀਗਲ ਇੱਮੀਗਰਾਂਟਸ ਸਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਗਾਰਡਨ ਵਿਚ ਬਣੇ ਹੋਏ ਪਿਛਲੇ ਰੂਮ ਵਿਚ ਕਿਰਾਏਦਾਰਾਂ ਵਜੋਂ ਰਹਿਣ ਲੱਗੇ ਸਨ, ਘਰ ਵਿਚ ਇਕ ਅਜਬ ਕਿਸਮ ਦੀ ਚਹਿਲ ਪਹਿਲ ਤੇ ਰੌਣਕ ਲੱਗ ਗਈ ਸੀ। ਹਾਲਾਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਮੁੰਡਿਆਂ ਦਾ ਘਰ ਦੇ ਮੇਨ ਏਰੀਏ  ਵਿਚ ਆਉਣ ਦਾ ਕੋਈ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕਿਉਂਕਿ ਬੈਕ ਗਾਰਡਨ (ਅਮਰੀਕਾ ਅਤੇ ਕੈਨੇਡਾ ਵਿਚ ਘਰ ਦੇ ਬੈਕ ਗਾਟਡਨ ਨੂੰ ਬੈਕ ਯਾਰਡ  ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ) ਨੂੰ ਜਾਣ ਵਾਸਤੇ ਇਕ ਵੱਖ਼ਰਾ ਗੇਟ ਤੇ ਵੱਖ਼ਰੀ ਐਲੀ  ਸੀ। ਘਰ ਦੇ ਮਾਲਕ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਫ਼ਿਕਰ ਜ਼ਰੂਰ ਸੀ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਰੂਮ  ਵਿਚ ਸ਼ਾਵਰ  ਦੀਆਂ ਸੰਵਿਧਾਵਾਂ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਕਦੇ ਕਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਮੁੰਡਿਆਂ ਨੂੰ ਮੇਨ ਘਰ ਵਿਚ ਆਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਸੀ ਪਰ ਇਸ ਗੱਲ ਵਾਸਤੇ ਉਸ ਨੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਦਾਇਤ ਦੇ ਰੱਖ਼ੀ ਸੀ ਕਿ ਉਹ ਉਦੋਂ ਹੀ ਸ਼ਾਵਰ ਲੈਣ ਲਈ ਆਉਣ ਜਦੋਂ ਉਹ ਖ਼ੁਦ ਘਰ ਵਿਚ ਹਾਜ਼ਰ ਹੋਵੇ। ਉਹ ਨਹੀਂ ਸੀ ਚਾਹੁੰਦਾ ਕਿ ਉਸ ਦੀ ਗ਼ੈਰਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿਚ ਉਸ ਦੀ ਜਵਾਨ ਬੀਵੀ ਨਾਲ਼ ਕੋਈ ਓਪਰਾ ਬੰਦਾ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਵੀ ਵਾਰਤਾਲਾਪ ਕਰੇ।


ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਤੋਂ ਉੱਲਟ ਉਸ ਦੀ ਬੀਵੀ ਪਾਲਾਂ ਬੇਹੱਦ ਖ਼ੁਸ਼ ਸੀ। ਸ਼ੱਕੀ ਸੁਭਾਅ ਦਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਹ ਪਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਂਭ ਸਾਂਭ ਰੱਖ਼ਦਾ ਸੀ। ਇਥੋਂ ਤੀਕ ਕਿ ਉਸ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਇਸ ਦੇਸ ਵਿਚ ਕੰਮ ਵੀ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕਰਨ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਲਾਂ ਸੋਚਦੀ ਕਿ ਜੇਕਰ ਕਿਧਰੇ ਉਹ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੁੰਦੀ ਤਾਂ ਕਮ ਸ ਕਮ ਕਿਸੇ ਨਾਲ਼ ਗੱਲ ਬਾਤ ਹੀ ਕਰ ਸਕਦੀ। ਉਂਝ ਵੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮਾਇਕ ਹਾਲਤ ਏਨੀਂ ਚੰਗੀ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕਿ ਇੱਕੋ ਬੰਦੇ ਦੇ ਕੰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ਼ ਚੰਗਾ ਗ਼ੁਜ਼ਾਰਾ ਹੋ ਸਕਦਾ। ਇਸੇ ਲਈ ਤਾਂ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਓਵਟਾਈਮ ਨਹੀਂ ਸੀ ਛੱਡਦਾ। ਪਰਓਵਰਟਾਈਮ ਲਾਉਣ ਦੀ ਵਜਾਹ ਇਕ ਹੋਰ ਵੀ ਸੀ। ਉਹ ਇਹ ਸੀ ਕਿ ਦਰਅਸਲ ਪਾਲਾਂ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਦੂਜੀ ਬੀਵੀ ਸੀ। ਪਹਿਲੀਂ ਤੀਵੀਂ ਨਾਲ਼ੋਂ ਉਸ ਦਾ ਤਲਾਕ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ। ਕਹਿੰਦੇ ਨੇ ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਬੰਦੇ ਨਾਲ਼ ਕੰਮ ਦੀ ਥਾਂ ਉੱਤੇ ਸਰੀਰਕ ਸੰਬੰਧ ਹੋ ਗਏ ਸਨ। ਦੋ ਬੱਚੇ ਵੀ ਸਨ। ਵੀਕ ਦੇ ਪੰਜਾਹ ਪੌਂਡ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੀ ਕੱਟੇ ਜਾਂਦੇ ਸਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਕੋਰਟ ਦਾ ਆਰਡਰ ਸੀ ਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਖ਼ਰਚਾ ਵੀ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਹੀ ਦੇਵੇ। ਖ਼ੈਰ ਤਲਾਕ ਪਿੱਛੋਂ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਇੰਡੀਆ  ਗਿਆ ਤੇ ੳਮਰੋਂ ਅੱਧੀ ਤੇ ਪੜ੍ਹੀ ਲਿਖ਼ੀ ਪਾਲ਼ਾਂ ਨੂੰ ਵਿਆਹ ਲਿਆਇਆ। ਦਸ ਕੁ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਇੰਗਲੈਂਡ ਵਿਚ ਆਈ ਪਾਲਾਂ ਦੇ ਉਪਰੋਥਲ਼ੀ ਦੋ ਬੱਚੇ ਪੈਦਾ ਹੋ ਗਏ। ਇਕ ਮੁੰਡਾ ਤੇ ਇਕ ਕੁੜੀ।

ਜਦੋਂ ਤੋਂ ਬਾਹਰਲੇ, ਪਰ ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਏਸ਼ੀਅਨ ਅਤੇ ਈਸਟਰਨ ਯੌਰਪੀਅਨ ਦੇਸਾਂ ਤੋਂ ਇਸ ਦੇਸ ਵਿਚ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਲੋਕੀਂ ਆਉਣੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਏ ਸਨ, ਲੰਡਨ ਵਿਚ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਮਕਾਨਾਂ ਅਤੇ ਕਮਰਿਆ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਘਟ ਗਈ ਸੀ। ਜਿਨਾ੍ਹਂ ਕੋਲ਼ ਵਾਧੂ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਕਮਰੇ ਸਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਚਾਂਦੀ ਬਨਣ ਲੱਗ ਪਈ ਸੀ। ਲੋਕਲ ਕੌਂਸਲਾਂ ਦੇ ਪਲੈਨਿੰਗ ਵਿਭਾਗ ਕੋਲ਼ ਧੜਾ ਧੜ ਘਰਾਂ ਦੀ ਐਕਸਟੈਨਸ਼ਨ ਕਰਨ ਦੀਆਂ ਅਰਜ਼ੀਆਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਸਨ। ਬਹੁਤੀਆਂ ਅਰਜ਼ੀਆਂ ਬੈਕ ਗਾਰਡਨ ਵਿਚ ਕਮਰਾ ਬਣਾਉਣ ਦੀਆਂ ਸਨ। ਇਸ ਕਮਰੇ ਨੂੰ ਪਲੇਅ ਰੂਮ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਇਸ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਵੀ ਰਹਿਣ ਦੀ ਆਗਿਆ ਨਹੀਂ ਜੇ ਹੁੰਦੀ। ਪਰ ਇੰਡੀਅਨ ਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹਨ? ਕਹਿ ਦਿੰਦੇ ਨੇ ਕਿ ਜਦੋਂ ਫ਼ੜੇ ਜਾਵਾਂਗੇ ਤਾਂ ਦੇਖ਼ੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਜ਼ਾਹਰਾ ਤੌਰ ਤੇ ਇਹੋ ਜਿਹੀਆਂ ਐਪਲੀਕੇਸ਼ਨਾਂ ਦੇਣ ਵਾਲ਼ਿਆਂ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਗਿਣਤੀ ਇੰਡੀਅਨ ਅਤੇ ਪਾਕਿਸਤਾਨੀ ਮੂਲ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਹੀ ਸੀ। ਇੱਲੀਗਲ ਤੌਰ ਤੇ ਆਉਂਦੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਗਿਣਤੀ ਪੰਜਾਬੀ ਨੌਜਵਾਨਾ ਦੀ ਸੀ। ਪਿਛਲਿਆਂ ਕਮਰਿਆਂ ਨੂੰ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਬਨਾਉਣ ਲਈ ਕਈਆਂ ਘਰਾਂ ਵਾਲ਼ਿਆਂ ਨੇ ਟੌਇਲਟਕਿਚਨ ਅਤੇ ਸ਼ਾਵਰ ਯੁਨਿਟ  ਵੀ ਲਗਵਾ ਲਏ ਸਨ। ਉਹ ਇਹ ਉਦੋਂ ਲਗਵਾਉਂਦੇ ਜਦੋਂ ਕੌਂਸਲ ਦੇ ਪਲੈਨਿੰਗ ਅਫ਼ਸਰ ਬਿਲਡਿੰਗ ਕੰਪਲੀਸ਼ਨ ਦਾ ਸਰਟੀਫ਼ੀਕੇਟ ਦੇ ਕੇ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ। ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਸਲਾਹਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਆਪਣੇ ਹੀ ਲੋਕੀਂ ਇਕ ਦੂਸਰੇ ਨੂੰ ਦਿੰਦੇ ਤੇ ਇੰਝ ਕਨੂੰਨ ਦੀਆਂ ਧੱਜੀਆਂ ਉੱਡਾਉਂਦੇ।

ਕਿਉਂਕਿ ਪਾਲਾਂ ਹੁਰਾਂ ਦਾ ਗਾਰਡਨ ਏਨਾ ਚੌੜਾ ਨਹੀਂ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਇਸ ਬੈਕ ਰੂਮ ਵਿਚ ਸ਼ਾਵਰ ਯੁਨਿਟ ਨਹੀਂ ਸਨ ਫ਼ਿੱਟ ਕਰਵਾ ਸਕੇ। ਇਸੇ ਲਈ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਹੀ ਮੁੰਡਿਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਵਰ ਲੈਣ ਲਈ ਮੇਨ ਘਰ ਵਿਚ ਆਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਸੀ। ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਕਿਰਾਏ ਦੇ ਇਕ ਸੌ ਵੀਹ ਪੌਂਡ ਪ੍ਰਤੀ ਵੀਕ ਦੇ ਆਉਂਦੇ ਨਸ਼ਾ ਚਾੜ੍ਹੀ ਰੱਖ਼ਦੇ ਤੇ ਉਹ ਹੋਰ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸਾਰ ਛੱਡਦਾ। ਮਾਇਆ ਦਾ ਜਾਦੂ ਹੀ ਕੁਝ ਐਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਪਿਛਲੇ ਰੂਮ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਤਿੰਨੋਂ ਨੌਜਵਾਨ ਬੜੀ ਰੰਗੀਨ ਤਬੀਅਤ ਦੇ ਸਨ। ਭਾਵੇਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਿਰ ਕਰਜ਼ੇ ਚੜ੍ਹੇ ਹੋਏ ਸਨ। ਸ਼ਾਇਦ ਜ਼ਮੀਨਾਂ ਵੀ ਗਹਿਣੇ ਰੱਖ਼ ਕੇ ਆਏ ਸਨ। ਏਥੇ ਵੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਦੇ ਕੰਮ ਮਿਲਦਾ ਸੀ ਤੇ ਕਦੇ ਨਹੀਂ ਸੀ ਮਿਲਦਾ ਤੇ ਇਕ ਕਿਸਮ ਦਾ ਮਸੀਂ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਹੀ ਕਰਦੇ ਸਨ ਪਰ ਉਹ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੱਸਦੇ ਖ਼ੇਡਦੇ ਹੀ ਲਗਦੇ। ਕੰਮੋਂ ਆਕੇ ਰੱਲ ਮਿਲ਼ ਕੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੇ ਮੀਟ ਬਣਾਉਂਦੇ। ਗਾਣੇ ਸੁਣਦੇ ਤੇ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਲੋਰ ਵਿਚ ਕਦੇ ਕਦੇ ਗਾਣਿਆ ਦੇ ਨਾਲ਼ ਨਾਲ਼ ਗਾਉਂਦੇ ਵੀ ਤੇ ਭੰਗੜੇ ਵੀ ਪਾਉਂਦੇ। ਵੀਕ ਐਂਡ ਉੱਤੇ ਵਧੀਆ ਕੱਪੜੇ ਪਾ ਕੇ ਤੇ ਸ਼ੌਕੀਨ ਬਣ ਕੇ ਫ਼ਿਲਮਾਂ ਵੇਖ਼ਣ ਜਾਂਦੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹੱਸਦਿਆਂ ਖ਼ੇਡਦਿਆਂ ਦੇਖ਼ ਕੇ ਪਾਲ਼ਾਂ ਦਾ ਦਿਲ ਮਚਲਦਾ ਤੇ ਉਹਦਾ ਜੀਅ ਕਰਦਾ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਬਹਾਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋ ਜਾਵੇ ਪਰ ਉਹ ਇੰਝ ਨਾ ਕਰ ਸਕਦੀ। ਪਰ ਫ਼ਿਰ ਵੀ ਉਹ ਬੱਚਿਆਂ ਕੋਲ਼ ਕਦੇ ਕਦੇ ਸਬਜ਼ੀ ਜਾਂ ਮੀਟ ਦੀਆਂ ਕੌਲੀਆਂ ਭੇਜ ਦਿੰਦੀ। ਜਿਸ ਦਿਨ ਸਾਗ਼ ਬਣਾਇਆ ਹੋਇਆ ਹੁੰਦਾ ਤਾਂ ਮੱਕੀ ਦੀਆਂ ਰੋਟੀਆਂ ਵੀ ਸਪੈਸ਼ਲ ਤੌਰ ਤੇ ਭੇਜਦੀ।

ਪਿੱਛਲੇ ਰੂਮ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਸੱਤੀ, ਪਾਲੀ ਅਤੇ ਕੁਮਾਰ ਸਵੇਰੇ ਹੀ ਘਰੋਂ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ। ਉਹ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਇਕ ਕਾਰ ਪਾਰਕ ਵਿਚ ਹੋਰਨਾਂ ਇੱਲੀਗਲ ਇੱਮੀਗਰਾਂਟਸ ਨਾਲ਼ ਜਾ ਰਲ਼ਦੇ। ਉਹ ਸੋਚਦੇ ਕਿ ਇੰਡੀਆ ਵਿਚ ਇੰਝ ਭਈਏ ਦਿਹਾੜੀ ਲਾਉਣ ਲਈ ਖ਼ੜੋਇਆ ਕਰਦੇ ਸਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਰਗੀ ਹੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵੀ ਤਾਂ ਤ੍ਰਾਸਦੀ ਸੀ ਨਾ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇਕ ਨੂੰ, ਦੋ ਨੰਦ ਜਾਂ ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਅਗ਼ਰ ਕੋਈ ਘਰ ਦੇ ਗਾਰਡਨ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਆਦਿ ਲਈ ਲੈ ਜਾਂਦਾ ਜਾਂ ਕੋਈ ਇੰਡੀਅਨ ਬਿਲਡਰ ਆਪਣੇ ਨਾਲ਼ ਲੈ ਜਾਂਦਾ ਤਾਂ ਬੱਲੇ ਬੱਲੇ। ਵਰਨਾ ਵਿਹਲੇ ਬੰਦੇ ਗਲ਼ੀਆਂ ਬਜ਼ਾਰਾਂ ਵਿਚ ਘੁੰਮਦੇ ਰਹਿੰਦੇ, ਵਿੰਡੋ ਸ਼ੌਪਿੰਗ ਕਰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਅਤੇ ਗੋਰੀਆਂ, ਭੂਰੀਆਂ ਤੇ ਕਾਲ਼ੀਆਂ ਤੀਵੀਆਂ ਨੂੰ ਘੁਰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਚੋ ਕੋਈ ਅਗਰ ਆਵਾਰਾਗਰਦੀ ਨਾ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਤਾਂ ਉਹ ਘਰ ਆ ਕੇ ਜਾਂ ਤਾਂ ਸੌਂ ਜਾਂਦਾ ਜਾਂ ਟੇਪ ਲਗਾਕੇ ਗਾਣੇ ਸੁਣਦਾ ਰਹਿੰਦਾ। ਵੈਸੇ ਜਿਸਮ ਦੇ ਤਕੜੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਹ ਅਕਸਰ ਹੀ ਕੰਮੀ ਲੱਗੇ ਰਹਿੰਦੇ। ਬੇਸ਼ੱਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਨੂੰਨਨ ਮਿਨੀਮੰਮ ਵੇਜ ਨਹੀਂ ਸੀ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ। ਕੰਮ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਕਹਿੰਦਾ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਿਹੜਾ ਕੋਈ ਟੈਕਸ ਦੇਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਸੱਤੀ ਹੀ ਵੱਖ਼ਰਾ ਸੀ। ਕੰਮ ਤੋਂ ਅਗ਼ਰ ਬਹੁਤੀ ਕੁਤਾਹੀ ਕਰਦਾ ਤਾਂ ਇਹ ਸੱਤੀ ਹੀ ਹੁੰਦਾ। ਉਹ ਭਾਰਾ ਕੰਮ ਕਰਨ ਤੋਂ ਕਤਰਾਉਂਦਾ ਸੀ। ਉਸ ਨੂੰ ਬਿਲਡਿੰਗ ਵਰਕ ਚੰਗਾ ਨਹੀਂ ਸੀ ਲੱਗਦਾ। ਵੈਸੇ ਤਾਂ ਅਕਸਰ ਹੀ ਇਹ ਨੌਜਵਾਨ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਖ਼ਾਂਦੇ ਪੀਂਦੇ ਘਰਾਂ ਚੋਂ ਹੀ ਆਏ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਵਰਨਾਂ ਗਰੀਬਾਂ ਦੇ ਮੁੰਡਿਆਂ ਕੋਲ਼ ਤਾਂ ਸ਼ਹਿਰ ਜਾਣ ਲਈ ਵੀ ਕਿਰਾਇਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਤੇ ਲੰਡਨ ਜੋਗਾ ਕਿੱਥੋਂ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ?

ਪਰ ਸੱਤੀ ਤਾਂ ਮਾਪਿਆਂ ਦਾ ਡਾਢਾ ਹੀ ਲਾਡਲਾ ਪੁੱਤ ਜਾਪਦਾ ਸੀ। ਇੱਕ ਦਿਨ ਸ਼ਾਵਰ ਲੈਣ ਆਇਆ ਤਾਂ ਪਾਲਾਂ ਇਕੱਲੀ ਸੀ। ਇਸ ਲਈ ਗੱਲੀਂ ਲੱਗ ਗਿਆ। ਦਸਦਾ ਸੀ ਕਿ ਉਹ ਮਾਪਿਆਂ ਦਾ ਕੱਲਾ ਕਾਰਾ ਪੁੱਤ ਸੀ। ਜ਼ਮੀਨ ਬਥੇਰੀ ਸੀ। ਆਮਦਨ ਵੀ ਠੀਕ ਠਾਕ ਹੀ ਸੀ ਪਰ ਇਸ ਚੰਦਰੀ ਵਲੈਤ ਦੀ ਚਾਹ ਨੇ ਸਾਹ ਨਹੀਂ ਲੈਣ ਦਿੱਤਾ। ਦੋ ਵਧੀਆ ਖ਼ੇਤ ਗਿਰਵੀ ਰੱਖ਼ ਕੇ ਮਾਸਕੋ ਤੇ ਫ਼ਿਰ ਯੂਰਪ ਦੇ ਹੋਰ ਦੇਸਾਂ ਵਿਚੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੋਇਆਂ ਤਕੜੀ ਖ਼ੱਜਲ ਖ਼ੁਆਰੀ ਪਿੱਛੋਂ ਇੰਗਲੈਂਡ ਪੁੱਜਿਆ ਸੀ। ਫ਼ਿਰ ਉਸ ਨੇ ਮੱਥੇ ਤੇ ਹੱਥ ਮਾਰ ਕੇ ਕਿਹਾ ਸੀ,''ਆਂਟੀ ਜੀ, ਕਿਸਮਤ ਦੇ ਖ਼ੇਲ ਦੇਖ਼ ਲਓ। ਉਧਰ ਬਿਹਾਰੀ ਭਈਏ ਰੱਖ਼ੇ ਹੋਏ ਨੇ ਤੇ ਇਧਰ ਅਸੀਂ ਇਥੇ ਭਈਆਂ ਵਾਲ਼ੀ ਜੂਨ ਭੋਗ ਰਹੇ ਹਾਂ ਵਰਨਾ ਆਪਾਂ ਤਾਂ ਕਦੇ ਆਂਟੀ ਜੀ ਘੜੇ ਚੋਂ ਪਾਣੀ ਵੀ ਆਪ ਗਲਾਸ ਭਰ ਕੇ ਨਹੀਂ ਸੀ ਪੀਤਾ। ਚੰਹੁ ਭੈਣਾ ਦਾ 'ਕੱਲਾ ਭਰਾ ਸਾਂ। ਬਹੁਤ ਲੁੱਕ ਆਫ਼ਟਰ ਕਰਦੀਆਂ ਸਨ। ਮਾਂ ਦੀ ਹਦਾਇਤ ਜੁ ਸੀ। ਭਾਪਾ ਜੀ ਵੀ ਕਦੇ ਕਿਸੇ ਗੱਲੋਂ ਮੈਨੂੰ ਤੰਗ ਨਹੀਂ ਸੀ ਰੱਖ਼ਦੇ ਹੁੰਦੇ। ਪਰ ਗਿਲਾ ਮੈਨੂੰ ਭਾਪਾ ਜੀ 'ਤੇ ਵੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਿਓਂ ਮੈਂਨੂੰ ਸਖ਼ਤੀ ਨਾਲ਼ ਟਰੈਵਲ ਏਜੰਟਾਂ ਦੀ ਚੁੰਗਲ਼ ਵਿਚ ਫ਼ਸਣੋਂ ਨਾ ਰੋਕਿਆ? ਹੁਣ ਸਮਝ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਵਾਧੂ ਦਾ ਲਾਡ ਕੰਮਚੋਰ ਤੇ ਨਖ਼ੱਟੂ ਮੁੰਡਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਵਗਾੜਦਾ ਹੈ। ਪੜ੍ਹ ਲਿਖ਼ ਲੈਂਦੇ ਤਾਂ ਚੰਗਾ ਹੁੰਦਾ। ਉਥੇ ਹੀ ਕਿਸੇ ਕਾਰੇ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ। ਪਰ ਭਾਪਾ ਜੀ ਵੀ ਕੀ ਕਰਦੇ? ਲਾਡਲਾ ਜੁ ਸਾਂ। ਬਾਹਰ ਜਾਣ ਦੇ ਭੂਤ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਰਨ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਬਥੇਰੇ ਜੁਗਾੜ ਕੀਤੇ। ਇਹ ਵੀ ਕੋਸ਼ਸ਼ ਕੀਤੀ ਕਿ ਕੈਨੇਡਾ ਵਿਚ ਕੋਈ ਕੁੜੀ ਹੀ ਮਿਲ਼ ਜਾਂਦੀ ਤਾਂ ਜੁ ਮੇਰਾ ਵਿਆਹ ਹੀ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਤੇ ਮੈਂ ਉੱਥੇ ਪੱਕਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਪਰ ਆਂਟੀ ਜੀ ਉੱਥੇ ਤਾਂ ਅੱਜਕਲ ਵੱਟੇ ਦੇ ਵਿਆਹ ਹੁੰਦੇ ਨੇ।''

ਪਾਲਾਂ ਨੂੰ ਉਹਦੀ ਭਈਆਂ ਵਾਲ਼ੀ ਗੱਲ ਤੇ ਹੋਰ ਗੱਲਾਂ ਤਾਂ ਸੁਣੀਆਂ ਹੀ ਨਾ। ਉਸ ਨੂੰ ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ 'ਆਂਟੀ ਜੀ' ਕਹਿਕੇ ਮੁਖ਼ਾਤਵ ਹੋਣਾ ਹੀ ਮਾਰ ਗਿਆ ਸੀ। ਉਸ ਨੇ ਪੱਕੀ ਧਾਰ ਲਈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਉਸ ਨੇ ਨੈਕਸਟ ਟਾਈਮ ਉਸ ਨੂੰ ਆਂਟੀ ਕਿਹਾ ਤਾਂ ਠੋਕਵਾਂ ਜਵਾਬ ਦੇਵੇਗੀ ਕਿ ਮਰ ਜਾਣਿਆਂ ਮੈਂ ਕਿਵੇਂ ਆਂਟੀ ਵਰਗੀ ਲੱਗਦੀ ਆਂ? ਆਟੀ ਤਾਂ ਢੱਲ਼ਦੀ ਉਮਰ ਦੀ ਜਾਂ ਬੁਢੀ ਤੀਵੀਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹੁੰਦੇ ਨੇ ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ ਜਵਾਨ ਮੁੰਡੇ। ਮੈਂ ਤਾਂ ਹਾਂ ਹੀ ਲਗਭਗ ਤੇਰੀ ਉਮਰ ਦੀ ਹੀ। ਪਰ ਉਹ ਕਿੰਨਾ ਚਿਰ ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਗ੿ਲ ਕਹਿ ਨਾ ਸਕੀ।

ਇਕ ਦਿਨ ਫ਼ੇਰ ਉਸ ਨਾਲ਼ ਮੇਲ਼ ਹੋਇਆ ਤਾਂ ਸੱਤੀ ਕਹਿਣ ਲੱਗਾ,''ਆਂਟੀ ਹੁਣ ਤਾਂ ਦਿਲ ਅੱਕ ਗਿਆ। ਜੀਅ ਕਰਦੈ ਵਾਪਸ ਚਲਿਆ ਜਾਵਾਂ। ਪੂਰੇ ਚਾਰ ਸਾਲ ਹੋ ਗਏ ਨੇ ਘਰ ਛੱਡਿਆਂ। ਪਰ ਜਾਈਏ ਕਿੱਦਾਂ? ਪੇਪਰ ਤਾਂ ਮੇਰੇ ਕੋਲ਼ ਹੈ ਨਹੀਂ। ਉਹ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਏਜੰਟਾਂ ਦੇ ਕਹਿਣ ਉੱਤੇ ਹੀ ਪਾੜ ਛੱਡੇ ਸਨ। ਹੁਣ ਤਾਂ ਆਂਟੀ ਜੀ ਪੁਲੀਸ ਤੋਂ ਵੀ ਬੜਾ ਡਰ ਲਗਦਾ। ਸੁਣਿਆਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਇੰਡੀਅਨ ਐੰਬੈਸੀ ਨਾਲ਼ ਸਮਝੌਤਾ ਕਰ ਲਿਐ ਕਿ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਇਹਡੀਪੋਰਟ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਾਸਪੋਰਟ ਐੰਬੈਸੀ ਵਾਲ਼ੇ ਜਲਦੀ ਤੋਂ ਜਲਦੀ ਦੇ ਦਿਆ ਕਰਨ। ਆਂਟੀ ਬੜੇ ਮੂੰਡੇ ਡੀਪੋਰਟ ਕੀਤੇ ਨੇ ਪਿੱਛੇ ਜਿਹੇ। ਆਂਟੀ ਜੀ, ਉੱਤੋਂ ਮੁਸੀਬਤ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਦਿੱਲੀ ਦੇ ਪੁਲ਼ਸੀਏ ਵੀ ਵਾਪਸ ਜਾਣ ਵਾਲ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਫ਼ੈਂਟਾ ਚਾੜ੍ਹਦੇ ਹਨ। ਪਲੀਜ਼ ਆਂਟੀ ਕੋਈ ਇੱਥੋਂ ਦੀ ਕੁੜੀ ਨਾਲ਼ ਹੀ ਕੰਮ ਫ਼ਿੱਟ ਕਰਵਾ ਦਿਓ। ਪੱਕੇ ਹੋ ਜਾਈਏ। ਪਾਣੀ ਭਰੂੰ ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਰੀ ਉਮਰ।''

ਨੈਕਸਟ ਟਾਈਮ ਜਦੋਂ ਪਾਲਾਂ ਘਰ ਦਾ ਪਿਛਲਾ ਪੈਟੀਓ ਵਾਲ਼ਾ ਹਿੱਸਾ ਸਾਫ਼ ਕਰਨ ਗਈ ਤਾਂ ਸੱਤੀ ਘਰ ਹੀ ਸੀ। ਸਾ ਸਰੀ 'ਕਾਲ, ਸਾ ਸਰੀ 'ਕਾਲ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਪੁੱਛਿਆ ਕਿ ਉਹ ਅੱਜ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਕਿਓਂ ਨਹੀਂ ਗਿਆ ਤਾਂ ਸੱਤੀ ਨੇ ਉੱਤਰ ਦਿੱਤਾ,''ਆਂਟੀ ਜੀ, ਅੱਜ ਧਰਮ ਨਾਲ਼ ਵੱਢਿਆਂ ਰੂਹ ਸੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਕੰਮ ਤੇ ਜਾਣ ਲਈ ਹਾਲਾਂਕਿ ਇਕ ਦੇਸੀ ਠੇਕੇਦਾਰ ਤਾਂ ਮਿੰਨਤਾਂ ਤੇ ਉੱਤਰ ਆਇਆ ਸੀ ਤੇ ਨਾਲ਼ੇ..।''

''ਨਾ ਗੱਲ ਸੁਣ ਵੇ ਸੱਤੀ,''ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਹੱਥ ਵਿਚ ਫ਼ੜੇ ਹੋਏ ਬਰੂਮ ਨੂੰ ਪਰ੍ਹਾਂ ਵਗਾਉਂਦਿਆਂ ਖ਼ਿੱਝ ਕੇ ਵਿਚੋਂ ਹੀ ਟੋਕਦਿਆਂ ਕਿਹਾ,''ਆਪਣੀ ਹਾਣਦੀ ਨੂੰ ਆਂਟੀ ਕਹਿੰਦਿਆਂ ਤੈਨੂੰ ਸ਼ਰਮ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ?''

ਸੱਤੀ ਦਾ ਉੱਤਰ ਉੱਡੀਕੇ ਬਿਨਾ ਹੀ ਪਾਲਾਂ ਆਪਣੇ ਘਰ ਦੇ ਗਾਰਡਨ ਵੱਲ ਦਾ ਦਰਵਾਜ਼ਾ ਜ਼ੋਰ ਦੀ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਅੰਦਰ ਚਲੇ ਗਈ।

ਉਸ ਰਾਤ ਸੱਤੀ ਸਾਰੀ ਰਾਤ ਹੀ ਸੌਂ ਨਾ ਸਕਿਆ। ਆਨੀ ਬਹਾਨੀ ਉਹ ਬੈਕ ਰੂਮ ਦਾ ਦਰਵਾਜ਼ਾ ਖ਼ੋਲ੍ਹ ਕੇ ਪਾਲਾਂ ਹੁਰਾਂ ਦੇ ਬੈਡਰੂਮ ਨੂੰ ਨਿਹਾਰਦਾ ਰਿਹਾ। ਪਾਲਾਂ ਹੁਰਾਂ ਦਾ ਬੈਡਰੂਮ ਘਰ ਦੇ ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਸੀ ਤੇ ਬੈਕ ਰੂਮ ਚੋਂ ਸਾਫ਼ ਦਿਸਦਾ ਸੀ।
ਸਾਰੀ ਰਾਤ ਉਨੀਂਦਰਾ ਰਹਿਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ ਸੱਤੀ ਦੂਜੇ ਦਿਨ ਚੁੱਪ ਕਰਕੇ ਕੰਮ ਤੇ ਚਲਾ ਗਿਆ। ਸ਼ਾਇਦ ਉਹ ਪਾਲਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ੇਸ ਨਹੀਂ ਸੀ ਕਰ ਸਕਦਾ।

ਸ਼ਨਿੱਚਰਵਾਰ ਵਾਲ਼ੇ ਦਿਨ ਜਦੋਂ ਉਹ ਮੇਨ ਹਾਊਸ ਵਿਚ ਸ਼ਾਵਰ ਲੈਣ ਲਈ ਗਿਆ ਤਾਂ ਪਾਲਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿਣ ਲੱਗਾ,''ਸੌਰੀ ਉੱਦਣ ਗ਼ਲਤੀ ਹੋ ਗਈ।''

''ਚੱਲ ਸੱਤੀ ਤੂੰ ਵੀ ਕੀ ਯਾਦ ਕਰੇਂਗਾ। ਤੇਰੀ ਸੌਰੀ ਕਬੂਲ ਹੈ ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਤਾਂ ਤੂੰ ਮੈਨੂੰ ਆਂਟੀ ਹੀ ਕਿਹਾ ਕਰੀਂ। ਸ਼ੱਕੀ ਸੁਭਾਅ ਦਾ ਹੈ ਬੰਦਾ ਮੇਰਾ। ਉਸ ਵੇਲੇ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੈਂ ਆਂਟੀ ਸ਼ਬਦ ਸਹਾਰ ਲਿਆ ਕਰੂੰ ਤੇਰਾ ਪਰ ਇਕੱਲੀ ਹੋਵਾਂ ਤਾਂ ਇਹ ਗੁਨਾਹ ਨਾ ਕਰੀਂ।''

ਸੋਮਵਾਰ ਵਾਲ਼ੇ ਦਿਨ ਸੱਤੀ ਸਿਰ ਦੁਖ਼ਣ ਦਾ ਬਹਾਨਾ ਮਾਰਕੇ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਨਾ ਗਿਆ। ਵੀਕਐਂਡ ਦੌਰਾਨ ਅੱਖ਼ਾਂ ਹੀ ਅੱਖ਼ਾਂ ਵਿਚ ਪਾਲਾਂ ਤੇ ਸੱਤੀ ਦੀ ਗੱਲ ਬਾਤ ਹੋ ਗਈ ਸੀ।

ਸੱਤੀ ਦੇ ਸਾਥੀ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਜਾ ਚੁੱਕੇ ਸਨ। ਪਾਲਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਸਕੂਲੇ ਛੱਡ ਆਈ ਸੀ। ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਕੰਮ ਤੇ ਜਾ ਚੁੱਕਿਆ ਸੀ। ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਹੌਲ਼ੀ ਦੇ ਕੇ ਬੈਕ ਰੂਮ ਵੱਲ ਦਾ ਮੇਨ ਘਰ ਦਾ ਪਿੱਛਲਾ ਬੂਹਾ ਖ਼ੋਲ੍ਹ ਦਿੱਤਾ। ਪਾਲੀ ਨੇ ਦੇਖ਼ ਲਿਆ ਕਿ ਔਲ ਕਲੀਅਰ ਦਾ ਸਿਗਨਲ ਹੋ ਚੁੱਕਿਆ ਸੀ। ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੰਮੋ ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਹੀ ਪਰਤਣਾ ਸੀ।
ਸੱਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਘਰ ਅੰਦਰ ਦਾਖ਼ਲ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਸ਼ਰਮਾਉਂਦਿਆਂ ਤੇ ਹੱਸਦਿਆਂ ਕਿਹਾ,''ਅੱਜ ਕੰਮ ਤੇ ਕਿਓਂ ਨਹੀਂ ਗਿਆ?''
ਕਿੰਨਾ ਫ਼ਜ਼ੂਲ ਸਵਾਲ ਸੀ। ਉਸ ਨੇ ਅੰਦਰ ਹੀ ਅੰਦਰ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਹੀ ਕਿਹਾ।
''ਤੈਨੂੰ ਜੁ ਮਿਲ਼ਣਾ ਸੀ।'' ਸੱਤੀ ਨੇ ਪਾਲਾਂ ਦਾ ਹੱਥ ਫ਼ੜਦਿਆਂ ਕਿਹਾ।
''ਕਿਓਂ ਅੱਜ ਕੋਈ ਖ਼ਾਸ ਗੱਲ ਆ?''
''ਅੱਜ ਬੇਚੈਨੀ ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲ਼ੋਂ ਵੱਧ ਹੈ। ਸਾਰੀ ਰਾਤ ਨੀਂਦਰ ਵੀ ਨਹੀਂ ਪਈ। ਉੱਸਲਵੱਟੇ ਲੈ ਲੈ ਲੰਘੀ ਹੈ ਸਾਰੀ ਰਾਤ।''ਸੱਤੀ ਦੀਆਂ ਅੱਖ਼ਾਂ ਦੇ ਡੋਰੇ ਲਾਲ ਹੋਏ ਪਏ ਸਨ। ਉਸ ਦੀਆਂ ਅੱਖ਼ਾਂ ਪਾਲਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਨਾਪ ਤੋਲ ਰਹੀਆਂ ਸਨ।
''ਹੁਣ ਸੌਣ ਲਈ ਆਇਆਂ?'' ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਇਕ ਗੈਰਜ਼ਰੂਰੀ ਸਵਾਲ ਕੱਢ ਮਾਰਿਆ।
''ਨਹੀਂ ਹੋਰ ਵੀ ਬੇਚੈਨ ਹੋਣ ਲਈ ਆਇਆਂ।'' ਸੱਤੀ ਨੇ ਸ਼ਾਇਰਾਨਾ ਅੰਦਾਜ਼ ਵਿਚ ਕਿਹਾ।
ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਉਸਦਾ ਉਸੇ ਹੀ ਉੱਤਸੁਕਤਾ ਨਾਲ਼ ਹੱਥ ਫ਼ੜੀ ਰੱਖ਼ਿਆ।
..ਤੇ ਫ਼ਿਰ ਉਸ ਤੋਂ ਸ਼ਾਇਦ ਹੋਰ ਸਬਰ ਨਾ ਹੋ ਸਕਿਆ ਤੇ ਸੱਤੀ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਜਿਹੇ ਹੁੱਝਕੇ ਨਾਲ਼ ਉਹ ਆਪਣੇ ਬੈਡਰੂਮ ਵੱਲ ਲੈ ਤੁਰੀ।

ਉਸ ਦਿਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਾਲ਼ਾਂ ਘਰ ਦੀ ਮਾਲਕਣ ਨਾ ਰਹੀ ਤੇ ਸੱਤੀ ਕੇਵਲ ਬੈਕ ਰੂਮ ਦਾ ਟੇਨੈਂਟ ਨਾ ਰਿਹਾ।

ਇੰਝ ਹੀ ਤਕਰੀਬਨ ਰੋਜ਼ ਉਦੋਂ ਹੋਣ ਲੱਗੀ ਜਦੋਂ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਕੰਮ ਤੇ ਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੁੰਦਾ, ਬੱਚੇ ਸਕੂਲ ਗਏ ਹੋਏ ਹੁੰਦੇ ਤੇ ਸੱਤੀ ਦੇ ਸਾਥੀ ਕੰਮ ਆਦਿ ਨੂੰ ਰਵਾਨਾ ਹੋ ਗਏ ਹੁੰਦੇ। ਦਰਅਸਲ ਸੱਤੀ ਦੇ ਦੋਹਾਂ ਸਾਥੀਆਂ ਨੂੰ ਯਕੀਨ ਸੀ ਕਿ ਸੱਤੀ ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਮੁਫ਼ਾਦ ਲਈ ਜ਼ਰੂ੍ਰਰ ਵਰਤੇਗਾ ਤੇ ਕੇਅਰਫ਼ੁੱਲ ਵੀ ਰਹੇਗਾ ਕਿਉਂਕਿ ਆਖ਼ਰ ਤਾਂ ਇਹ ਡੇਂਜਰਸ ਗੱਲ ਸੀ। ਉਹ ਈਰਖ਼ਾਵਾਦੀ ਨਹੀਂ ਸਨ। ''ਇਹਦੀ ਕਿਸਮਤ ਵਿਚ ਅਗਰ ਮੌਜਾਂ ਲਿੱਖ਼ੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਗੁੱਡ ਲੱਕ ਬਈ।''ਉਹ ਸੋਚ ਛੱਡਦੇ।
ਇਕ ਦਿਨ ਬੈਡਰੂਮ ਚੋਂ ਨਿਕਲਦਿਆਂ ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਸੱਤੀ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿਚ ਸੌ ਪੌਂਡ ਥਮਾਅ ਦਿੱਤੇ।

''ਇਹ ਕਾਹਦੇ ਲਈ ਪਾਲਾਂ?'' ਸੱਤੀ ਨੇ ਪੁੱਛਿਆ।
''ਖ਼ਰਚੇ ਨਹੀਂ ਤੇਰੇ ਆਪਣੇ? ਕੰਮ ਤੇ ਤਾਂ ਲੰਗੇ ਡੰਗ ਜਾਨੈ। ਲੈ ਲੈ ਚੁੱਪ ਕਰਕੇ।''
ਇੰਝ ਸੱਤੀ ਦੀ ਆਮਦਨ ਵੀ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਈ ਸੀ ਤੇ ਇਕ ਉਤਸਕ ਤੇ ਸੈਕਸੀ ਤੀਵੀਂ ਦਾ ਸਾਥ ਵੀ ਮਿੱਲ ਗਿਆ ਸੀ। ''ਵਾਹ ਵਾਹ ਮੌਲਾ ਕਿਆ ਰੰਗ ਹਨ ਤੇਰੇ। ਮਾਲਕਾ ਤੂੰ ਹੀ ਦੱਸ ਕਿ ਮੇਰਾ ਬਲਿਹਾਰੇ ਜਾਣ ਨੂੰ ਦਿਲ ਕਿਓਂ ਨਾ ਕਰ ਤੇਰੇ ਤੇ?''ਸੱਤੀ ਅਕਸਰ ਹੀ ਇਹ ਸਤਰਾਂ ਆਪਣੇ ਮਨ ਵਿਚ ਦੁਹਰਾਉਂਦਾ।

....ਕਹਿੰਦੇ ਨੇ ਕਿ ਜਦੋਂ ਲੋਹਾ ਗ਼ਰਮ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸੱਟ ਮਾਰਨ ਤੋਂ ਝਿਜਕ ਮਹਿਸੂਸ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ। ਤੇ ਇਕ ਦਿਨ ਪਾਲਾਂ ਦਾ ਡਾਹਢਾ ਹੀਰੋਮਾਂਟਿਕ ਮੂਡ ਵੇਖ਼ ਕੇ ਸੱਤੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਮਨ ਦੀ ਗੱਲ ਕਹਿ ਹੀ ਦਿੱਤੀ,''ਪਾਲਾਂ ਤਲਾਕ ਲੈ ਲੈ ਆਪਣੇ ਬੰਦੇ ਕੋਲ਼ੋਂ। ਇਥੇ ਤਾਂ ਡਾਈਵੋਰਸ ਲੈਣਾਂ ਮਮੂਲੀ ਜਿਹੀ ਗੱਲ ਹੀ ਸਮਝੀ ਜਾਂਦੀ ਆ। ਮੈਂ ਵਿਆਹ ਕਰਾਉਣਾ ਚਾਹੁੰਨਾ ਤੇਰੇ ਨਾਲ਼। ਵੀ ਆਰ ਏ ਗੁੱਡ ਟੀਮ ਯਾਰ।''

ਇਹਦੀ ਬਜਾਏ ਕਿ ਪਾਲਾਂ ਇੱਕ ਦਮ ਭੜਕ ਉੱਠਦੀ, ਉਸ ਨੇ ਸਿਰਫ਼ ਏਨਾ ਹੀ ਕਿਹਾ,'' ਹੋਸ਼ ਤੋਂ ਕੰਮ ਲੈ ਮਰ ਜਾਣਿਆਂ। ਤੂਫ਼ਾਨ ਖ਼ੜ੍ਹਾ ਹੋ ਜਾਣਾ। ਮੇਰਾ ਬੰਦਾ ਬਹੁਤ ਡਾਹਢਾ ਹੈ। ਮੈਨੂੰ ਤਾਂ ਉਸ ਨੇ ਵੱਢ ਹੀ ਦੇਣਾ। ਤੇਰੇ ਵੀ ਛੋਟੇ ਛੋਟੇ ਡੱਕਰੇ ਕਰੂ।''
ਸੱਤੀ ਨੇ ਪੂਰੇ ਅਤੇ ਪੱਕੇ ਇਰਾਦੇ ਨਾਲ਼ ਉੱਤਰ ਦਿੱਤਾ,''ਪਾਲਾਂ ਕੁਰੇ ਇੱਕ ਗੱਲ ਸੁਣ ਲੈ ਧਿਆਨ ਨਾਲ਼। ਆਹ ਤੇਰਾ ਯਾਰ ਐਮੇਂ ਹੀ ਨੀ। ਆਪਣੀ ਚੀਜ਼ ਖ਼ਾਤਰ ਤੇਰੇ ਬੰਦੇ ਦੇ ਪਹਿਲਾਂ ਮੈਂ ਡੱਕਰੇ ਕਰੂੰ । ਆਹ ਡੌਲੇ ਐਂਵੇਂ ਹੀ ਨਹੀਂ ਪਾਲ਼ੇ ਹੋਏ। ਬੂਰੀਆਂ ਦਾ ਦੁੱਧ ਚੁੰਘਿਆ ਹੋਇਆ ਯਾਰਾਂ ਨੇ। ਦੁੱਧ ਮੱਖ਼ਣਾਂ ਨਾਲ਼ ਪਾਲ਼ਿਆ ਹੋਇਆ ਘਰ ਦਿਆ ਨੇ ''
''ਨਾ ਰਹਿਣ ਦੇਹ।ਮੈਨੂੰ ਨਹੀਂ ਇਹ ਟਰੱਬਲ ਚਾਹੀਦੀ।''ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਥੋੜ੍ਹੀ ਜਿਹੀ ਘਬਰਾਹਟ ਵਿਚ ਕਿਹਾ।ਉਹ ਸੱਤੀ ਦੀਆਂ ਅੱਖ਼ਾਂ ਵਿਚ ਸੰਜੀਦਗ਼ੀ ਦੇਖ਼ ਸਕਦੀ ਸੀ।
''ਸੋ ਫ਼ਿਰ ਤੇਰਾ ਇਹ ਪਤੰਦਰ ਪੱਕਾ ਕਿੱਦਾਂ ਹੋਊ?''

ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਹੈਰਾਨੀ ਨਾਲ਼ ਕਿਹਾ,'' ਸੋ ਤੂੰ ਪੱਕਾ ਹੋਣ ਲਈ ਹੀ ਮੇਰੇ ਨਾਲ਼ ਫ਼ੇਰੇ ਲੈਣੇ ਆਂ? ਪਿਆਰ ਨਹੀਂ ਤੈਨੂੰ ਮੇਰੇ ਨਾਲ਼?''
''ਆਪਣੇ ਮਨ ਤੋਂ ਪੁੱਛ ਪਾਲਾਂ ਕਿ ਕੀ ਤੈਨੂੰ ਵੀ ਮੇਰੇ ਨਾਲ਼ ਪਿਆਰ ਹੈ ਕਿ ਬੱਸ ਆਪਣੀ ਬੋਰੀਅਤ ਤੇ ਸੈਕਸਲੈਸ਼ ਲਾਈਫ਼ ਤੋਂ ਛੁੱਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਦਾ ਹੀ ਇਰਾਦਾ ਸੀ?''

ਉਸ ਦਾ ਉੱਤਰ ਉਡੀਕੇ ਬਿਨਾਂ ਹੀ ਸੱਤੀ ਬੈਕ ਰੂਮ ਵੱਲ ਚਲਾ ਗਿਆ। ਉਸ ਦੀ ਅੱਖ਼ਾਂ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਗੁੱਸਾ ਸੀ।
ਪਾਲਾਂ ਸੁੰਨ ਹੋਈ ਖ਼ੜ੍ਹੀ ਰਹੀ। ਇਸ ਦਾ ਮਤਲਬ ਤਾਂ ਇਹ ਹੋਇਆ ਕਿ ਇਹ ਬੰਦਾ ਸਿਰਫ਼ ਉਸ ਦਾ ਘਰ ਪੁੱਟਣ ਤੀਕ ਤੇ ਆਪਣਾ ਘਰ ਵਸਾਉਣ ਤੀਕ ਹੀ ਦਿਲਚਸਪੀ ਰੱਖ਼ਦਾ ਹੈ। ਪੱਕਾ ਹੋ ਗਿਆ ਤਾਂ ਮੈਨੂੰ ਡਾਇਵੋਰਸ ਕਰਕੇ ਇੰਡੀਆ ਤੋਂ ਕੋਈ ਹੋਰ ਲੈ ਆਊ-ਕੋਈ ਆਪਣੇ ਹਾਣ ਦੀ ਤੇ ਕੰਜ ਕੁਆਰੀ। ਮੇਰੇ ਤਾਂ ਨਿਆਣੇ ਰੁਲ ਗਏ ਨਾ?ਮੇਰਾ ਤਾਂ ਘਰ ਟੁੱਟ ਜਾਊ ਨਾ? ਖ਼ੁਦਗ਼ਰਜ਼ ਬਾਸਟਰਡ।''

ਉਸ ਸਾਰੀ ਰਾਤ ਪਾਲਾਂ ਬਹੁਤ ਬੇਚੈਨ ਰਹੀ। ਦੂਜੇ ਦਿਨ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਨਾ ਗਿਆ। ਉਸ ਨੂੰ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ਼ ਬੁਖ਼ਾਰ ਚੜ੍ਹਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ। ਉਹ ਹਫ਼ਤਾ ਭਰ ਐਂਟੀ ਬਾਇਓਟਿਕ ਉੱਤੇ ਰਿਹਾ। ਸਾਰਾ ਸਮਾਂ ਪਾਲਾਂ ਰੋਬੋਟ ਵਾਂਗ ਘਰ ਦੇ ਕੰਮ ਕਾਰ ਕਰਦੀ ਰਹੀ। ਬੋਲੀ ਬਿਲਕੁਲ ਕੁਝ ਵੀ ਨਾ।
ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਖ਼ਿੱਝ ਗਿਆ।''ਤੈਨੂੰ ਕੀ ਸੱਪ ਸੁੰਘ ਗਿਆ? ਹਫ਼ਤਾ ਹੋ ਗਿਆ ਦੁੰਨ ਬੱਟਾ ਬਣੀ ਹੋਈ ਨੂੰ। ਨਾ ਬੋਲਦੀ ਆ ਨਾ ਨੇੜੇ ਆਉਣ ਦਿੰਦੀ ਆ।''
''ਭਲਾ ਮੇਰੀ ਤਬੀਅਤ ਨਹੀਂ ਕਦੇ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਸਕਦੀ?''ਪਾਲਾਂ ਟਰਕਾਅ ਗਈ।

ਸੱਤੀ ਉਸ ਹਫ਼ਤੇ ਦੋ ਕੁ ਦਿਨ ਹੀ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਗਿਆ। ਬਾਕੀ ਦੇ ਦਿਨ ਬੈਕ ਰੂਮ 'ਚ ਹੀ ਬੈਠਾ ਰਿਹਾ ਤੇ ਉਦਾਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਗੀਤ ਸੁਣਦਾ ਰਿਹਾ। ਪਰ ਵਾਰ ਵਾਰ ਸੂਹ ਲੈਂਦਾ ਰਿਹਾ ਤੇ ਬਿੜਕਾਂ ਲੈਂਦਾ ਰਿਹਾ ਕਿ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਘਰੇ ਹੈ ਜਾਂ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਗਿਆ ਹੋਇਆ?

ਅਗ਼ਲੇ ਹਫ਼ਤੇ ਜਦੋਂ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਕੰਮ ਉੱਤੇ ਗਿਆ ਤਾਂ ਸੱਤੀ ਭੁੱਖ਼ੇ ਸ਼ੇਰ ਵਾਂਗ ਅੰਦਰ ਆ ਘੁਸਿਆ ਤੇ ਪਾਲਾਂ ਨੂੰ ਜੱਫ਼ੀ 'ਚ ਲੇ ਕੇ ਉਸ ਦੀਆਂ ਚੁੰਮੀਆਂ ਲੈਣ ਲੱਗ ਪਿਆ।

ਪਰ ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਉਹਨੂੰ ਪੂਰੇ ਜ਼ੋਰ ਨਾਲ਼ ਪਰ੍ਹਾਂ ਧੱਕ ਦਿੱਤਾ।,''ਖ਼ਬਰਦਾਰ ਜੇ ਮੈਨੂੰ ਹੱਥ ਲਾਇਆ ਤਾਂ? ਆਈ ਐਮ ਨੌਟ ਇੰਟਰੈਸਟਡ ਇਨ ਯੂ ਔਰ ਯੁਅਰ ਸੈਕਸੁਅਲ ਐਕਟ ਐਨੀ ਮੋਰ। ਥੈਂਕ ਯੂ। ''ਮਗਰਲੇ ਲਫ਼ਜ਼ ਉਸ ਨੇ ਅਗ਼ਰੇਜ਼ੀ ਵਿਚ ਕਹੇ। ਕੁਝ ਗੱਲਾਂ ਸ਼ਾਇਦ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਵਿਚ ਕਹਿਣੀਆਂ ਸੌਖ਼ੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆ ਹਨ।''
''ਕੀ ਨੌਨਸੈਨਸ ਬੱਕਣ ਡਹੀ ਹੋਈ ਆਂ ਪਾਲਾਂ?''ਸੱਤੀ ਪਾਲਾਂ ਦੇ ਠੰਡੇ ਵਤੀਰੇ ਤੋਂ ਹੈਰਾਨ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ ਪਰ ਫ਼ਿਰ ਪਿਆਰ ਨਾਲ਼ ਬੋਲਿਆ ''ਆਈ ਲਵ ਯੂ ਯਾਰ।''

''ਸੱਭ ਝੂਠ। ਸੱਭ ਬਕਵਾਸ। ਸਿਵਾ ਇੱਥੇ ਪੱਕਾ ਹੋਣ ਦੇ ਤੇਰਾ ਕੋਈ ਇੰਟਰੈਸਟ ਨਹੀਂ ਮੇਰੇ ਵਿਚ।''
''ਬੁਰਾ ਮਨਾਇਆ ਕਿ ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਕਹਿ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਕਿ ਉਹਨੂੰ ਛੱਡ ਕੇ ਮੇਰੇ ਨਾਲ਼ ਵਿਆਹ ਕਰਵਾ ਲੈ?''
''ਇਹ ਵੀ ਕਹਿ ਦੇਹ ਕਿ ਪੱਕਾ ਹੋਣ ਲਈ ਵਿਆਹ ਕਰਾਉਣਾ ਤੇ ਫ਼ੇਰ ਠੁਠ ਦਿਖ਼ਾ ਦੇਣਾ।ਤੇਰਾ ਸਾਰਾ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਬੱਸ ਇਥੇ ਇਸ ਦੇਸ ਵਿਚ ਟਿਕਣਾ ਹੀ ਹੈ'' ਪਾਲਾਂ ਦੇ ਮੂਡ ਵਿਚ ਕੋਈ ਤਬਦੀਲੀ ਨਹੀਂ ਸੀ ਆ ਰਹੀ।
''ਸੱਤ ਸਮੁੰਦਰ ਪਾਰ ਕਰਕੇ ਆਇਆ ਹਾਂ,'' ਸੱਤੀ ਫ਼ੈਸਲਾਕੁੰਨ ਗੱਲ ਕਹਿਣ ਉੱਤੇ ਉੱਤਰ ਆਇਆ ਸੀ।,''ਘਰ ਦੀ ਜ਼ਮੀਨ ਗਹਿਣੇ ਧਰੀ ਹੋਈ ਆ। ਕਰਜ਼ੇ ਉੱਤੇ ਵਿਆਜ ਪੈ ਰਿਹਾ। ਭੈਣਾਂ ਵਿਹਾਉਣ ਵਾਲ਼ੀਆ ਨੇ। ਘਰ ਦੀਆਂ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀਆਂ ਵਿਕਰਾਲ਼ ਬਣਕੇ ਖ਼ੜੀ੍ਹਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹੋਈਆਂ ਨੇ। ਵਾਪਸ ਪਰਤਣ ਜੋਗਾ ਮੈਂ ਰਿਹਾ ਨਹੀਂ। ਤੂੰ ਮੇਰੀ ਏਨੀ ਵੀ ਹੈਲਪ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀ ਯਾਰ? ਆਡਟਰ ਔਲ ਵੀ ਹੈਡ ਏ ਗੁੱਡ ਟਾਈਮ'' ਸੱਤੀ ਨੇ ਨਕਲੀ ਕਿਸਮ ਦਾ ਲਾਡ ਦਿਖ਼ਾਉਂਦਿਆਂ ਕਿਹਾ।
''ਵੱਟ ਅਬਾਉਟ ਮੀ? ਵੱਟ ਅਬਾਉਟ ਮਾਈ ਚਿਲਡਰਨ? ਮੇਰੇ ਬੱਚੇ ਕਿੱਥੇ ਜਾਣਗੇ?''ਪਾਲਾਂ ਨੇ ਉਹਨੂੰ ਪਰ੍ਹਾਂ ਧੱਕਦਿਆਂ ਕਿਹਾ।

''ਤੇਰੀ ਲੁੱਕ ਆਫ਼ਟਰ ਮੈਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰੂੰ ਡਾਰਲਿੰਗ।''
''ਤੇ ਮੇਰੇ ਨਿਆਣੇ?''
''ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵੀ ਕਰੂੰਗਾ ਹੀ ਪਰ ਤੂੰ ਉਨਾ੍ਹਂ ਦੀ ਕਸਟੱਡੀ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਦੇ ਦਈਂ ਨਾ। ਮਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਤੇ ਵਿਜ਼ਿਟਿੰਗ ਰਾਈਟ ਤਾਂ ਤੈਨੂੰ ਮਿਲ਼ ਹੀ ਜਾਣੇ ਨੇ। ਆਪਾਂ ਆਪਣੇ ਪੈਦਾ ਕਰਾਂਗੇ। ''ਜਾਪਦਾ ਸੀ ਕਿ ਸੱਤੀ ਨੇ ਸਭ ਕੁੱਝ ਵਰਕ ਆਊਟ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਸੀ।
''ਦਫ਼ਾ ਹੋ ਜਾਹ ਇੱਥੋਂ,''ਪਾਲਾਂ ਤਿਲਮਿਲਾਅ ਗਈ,''ਇਸ ਘਰ 'ਚ ਮੁੜ ਕੇ ਪੈਰ ਨਾ ਪਾਈਂ ਬੇਸ਼ਰਮਾਂ।''
''ਚੁੱਪ ਕਰਕੇ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦਾ ਮੈਂ। ''ਸੱਤੀ ਨੇ ਚੈਲਿੰਜ ਕਰਨ ਦੇ ਅੰਦਾਜ਼ ਵਿਚ ਕਿਹਾ।
''ਚੁੱਪ ਕਰਕੇ ਹੀ ਜਾਵੇਂਗਾ ਤੂੰ।''ਪਾਲਾਂ ਦੇ ਬੋਲਾਂ ਵਿਚ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹਤਾ ਸੀ।

ਅਚਾਨਕ ਇਕ ਦਿਨ ਦੋ ਪਲੀਸ ਮੈਨ ਅਤੇ ਕੌਂਸਲ ਦੇ ਦੋ ਅਫ਼ਸਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੂਹੇ ਅੱਗੇ ਆ ਧਮਕੇ। ਆਪਣਾ ਆਈ ਡੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਅਖ਼ਤਿਆਂਰ ਸਿੰਘ ਅੱਗੇ ਕਰਦਿਆ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚੋਂ ਇਕ ਨੇ ਕਿਹਾ,''ਹੀਅਰ ਇਜ਼ ਅਵਰ ਸਰਚ ਵਾਰੰਟ। ਅਸੀੰ ਤੁਹਾਡਾ ਪਿੱਛਲਾ ਰੂਮ ਚੈੱਕ ਕਰਨਾ ਹੈ। ਇਕ ਅਨੌਨੀਮਸ ਫ਼ੋਨ ਕਾਲ ਆਈ ਸੀ ਕਿ ਤੁਹਾਡੇ ਬੈਕ ਰੂਮ ਵਿਚ ਕੁਝ ਇੱਲੀਗਲ ਬੰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ।''ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕੁਝ ਕਹਿਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਉਹ ਚਾਰੇ ਜਣੇ ਪਿਛਲੇ ਰੂਮ ਅੱਗੇ ਜਾ ਖ਼ੜ੍ਹੇ ਹੋਏ। ਅੰਦਰ ਤਿੰਨੇ ਹੀ ਪੰਜਾਬੀ ਮੂੰਡੇ ਡਰੇ ਹੋਏ ਤੇ ਸਹਿਮੇ ਹੋਏ ਬੈਠੇ ਸਨ।

ਇਕ ਪੁਲੀਸ ਅਫ਼ਸਰ ਨੇ ਮੋਬਾਇਲ ਫ਼ੋਨ ਵਰਤ ਕੇ ਹੋਰ ਪੁਲੀਸ ਅਫ਼ਸਰ ਬੁਲਾ ਲਏ। ਤੇ ਫ਼ਿਰ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਮੁਖ਼ਾਤਵ ਹੋ ਕੇ ਬੋਲਿਆ, ''ਹਾਓ ਮੈਨੀ ਮੋਰ ਪੀਪਲ ਲਿਵ ਹੀਅਰ?''
''ਨੋ ਮੋਰ ਸਰ। ਦੇਅ ਆਰ ਓਨਲੀ ਰੈਲੇਟਿਵਜ਼।'' ਅਫ਼ਸਰ ਨੇ ਝੱਟ ਨੋਟ ਕਰ ਲਿਆ ਕਿ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਸਿੰਘ ਇੱਲੀਗਲ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਪਨਾਹ ਦਿੰਦਾ ਸੀ। ਉਸ ਦਾ ਚਲਾਣ ਕੱਟ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ। ਤੇ ਫ਼ਿਰ ਕਹਿਣ ਲੱਗਾ,''ਕੋਰਟ ਦਾ ਨੋਟਿਸ ਆਵੇਗਾ। ਲਾਅ ਵਿਲ ਟੇਕ ਇਟਸ ਕੋਰਸ।''
ਫ਼ਿਰ ਕੌਂਸਲ ਦੇ ਅਫ਼ਸਰ ਨੇ ਕਿਹਾ,''ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਹ ਕਮਰਾ ਢਾਹੁਣ ਦਾ ਨੋਟਿਸ ਆਵੇਗਾ। ਕੌੰਸਲ ਦੇ ਨੇਮਾਂ ਨੂੰ ਤੋੜਨ ਵਾਰੇ ਵੀ ਲੀਗਲ ਐਕਸ਼ਨ ਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤੇ ਹਰਜਾਨਾ ਵੀ ਦੇਣਾ ਪਵੇਗਾ।''
ਫ਼ਟਾ ਫ਼ੱਟ ਪੁਲੀਸ ਦੀ ਵੈਨ ਆ ਗਈ। ਸੱਤੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੋਹਾਂ ਸਾਥੀਆਂ ਦੇ ਹੱਥ ਕੜੀਆਂ ਲਗਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪੁਲੀਸ ਵੈਨ ਵਿਚ ਬਿਠਾ ਲਿਆ ਗਿਆ।
ਸੱਤੀ ਨੇ ਪੁਲੀਸ ਦੀ ਬੈਨ ਵਿਚ ਬੈਠਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਘਰ ਦੇ ਵੱਡੇ ਬੂਹੇ ਵਿਚ ਖ਼ੜੋਤੀ ਪਾਲਾਂ ਵੱਲ ਤੱਕਿਆ।
ਪਾਲਾਂ ਦੀਆਂ ਅੱਖ਼ਾਂ ਵਿਚ ਖ਼ੱਚਰਾ ਹਾਸਾ ਸੀ।

धन-संपत्ति-विवाह की चाहत जल्द पूरी करे गुरु पूजा के ये उपाय


धन-संपत्ति-विवाह की चाहत जल्द पूरी करे गुरु पूजा के ये उपाय


गुरुवार का दिन गुरु दोष शांति व गुरु की प्रसन्नता के लिए विशेष दिन माना जाता है। इसलिए यहां बताए जा रहे बृहस्पति पूजा के उपाय व सरल मंत्र आपके जीवन में आ रही तमाम परेशानियों से छुटकारा दिला सकते हैं। जानें ये उपाय - 

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बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें। जिसमें पीले वस्त्र पहने व बिना नमक के पीले भोजन का संकल्प लें। 

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गुरु बृहस्पति की प्रतिमा या तस्वीर पीले वस्त्र पर विराजित कर पंचोपचार पूजा केसरिया चंदन, पीले अक्षत, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल अर्पित कर करें। नीचे लिखें सरल गुरु मंत्र का ध्यान सुख-सौभाग्य की कामना से करें - 

ऊँ बृं बृहस्पते नम: 

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पूजा व मंत्र जप के बाद गुरु आरती करें और क्षमाप्रार्थना के साथ प्रसाद ग्रहण करें। 

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गुरु से जुड़ी पीली वस्तुओं, जिनमें सोना बहुत शुभ है, का दान करें। यथासंभव ब्राह्मण को भोजन कराएं। माना जाता है कि ऐसी पूजा धन, संपत्ति, विवाह और सौभाग्य की कामना शीघ्र पूरी करती है।

Wednesday, June 6, 2012

हर काम के पहले बोलें श्री गणेश के मात्र 12 नाम मंत्र..पाएं सफलता


हर काम के पहले बोलें श्री गणेश के मात्र 12 नाम मंत्र..पाएं सफलता



शास्त्रों में कार्य में विघ्रहरण के सरल उपायों में भगवान गणेश के बारह नामों का ध्यान प्रभावी माना गया है। इन बारह नामों का हर रोज काम पर जाने से पहले या फिर सुबह, दोपहर और शाम को कार्य में सफलता सुनिश्चित करता है। यही नहीं हर सुबह छ: माह तक स्मरण करने पर विद्या, धन, संतान और स्वास्थ्य कामना भी पूरी होती है। साथ ही जीवन में आने वाली बाधा, परेशानियों और संकटों से छुटकारा मिलता है। 

जानते हैं भगवान गणेश के ये बारह नाम, जिनको श्री गणेश के सामने धूप व दीप लगाकर बोलें - 

गणपर्तिविघ्रराजो लम्बतुण्डो गजानन:।

द्वेमातुरश्च हेरम्ब एकदन्ती गणाधिप:।।

विनायकश्चारुकर्ण: पशुपालो भावात्मज:।

द्वाद्वशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्।।